राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम

(भारत सरकार का उपक्रम)

1955 से लघु उद्यम के विकास की सुविधा

कंसोर्शिया एण्‍ड टेंडर मार्केटिंग स्‍कीम

सूक्ष्‍म, और लघु उद्यमियों के उत्‍पादों को बढ़ावा देना ही इस निगम का एक प्रमुख उद्देश्‍य है। आज के प्रतियोगी परिदृश्‍य में सूक्ष्‍म, और लघु उद्यमों को सुविधा देने की आवश्‍यकता महसूस की गई है। ताकि अलग-अलग या ‘कंसोर्शिया’ के माध्‍यम से सामूहिक रूप से उनके माल और सेवाओं का विपणन किया जा सके। तदनुसार एमएसई के उत्‍पादों को बढ़ावा देने के लिए इस स्‍कीम को वर्ष 2011 में समीक्षा की गई और इसका नाम कंसोर्शिया और टेंडर मार्केटिंग स्‍कीम रखा गया।

1. इस स्‍कीम की विशिष्‍ट विशेषताएं:-

  1. इस स्‍कीम के अंतर्गत एकल बिन्‍दू पंजीकरण स्‍कीम (एसपीआरएस) के अधीन एनएसआईसी के पास पंजीकृत सूक्ष्‍म, और लघु उद्यम आंएगे, इसके अंतर्गत वे सूक्ष्‍म और लघु उद्यम भी आएंगे, जिन्‍होंने एसपीआरएस योजना की शर्तों के अनुसार सभी अपेक्षित दस्‍तावेजों सहित इसके अधीन एनएसआईसी के पास स्‍वयं को पंजीकृत करने के लिए आवेदन पत्र दिया हो और टेंडर मार्केटिंग स्‍कीम के अनुसार टेंडर भरने से पहले उनके कारखाने का निरीक्षण किया गया हो। इस स्‍कीम के अंतर्गत वह (वे) यूनिट नहीं आएंगी (आएंगे), जो मूल्‍य संवर्धन/पैकिंग/ब्रांडिग के बिना ‘व्‍यापार संबंधी क्रियाकलापों’ में लगी हो/हों।
  2. इस स्‍कीम के अंतर्गत नामांकन के आधार पर, खुले टेंडर और एकल टेंडर में भाग लेने के लिए यूनिटों के चयन की विधि भी आएगी।
  3. इस स्‍कीम के अधीन बयाना राशि (ई-एमडी) और प्रतिभूति जमा को बैक-टु-बैक आधार पर प्रदान करने पर ध्‍यान दिया जाएगा।
  4. इस स्‍कीम में अन्‍य बातों के साथ-साथ कंसोर्शिया के गठन की प्रक्रिया, एक समान उत्‍पादों का विनिर्माण करने वाली यूनिटों के कंसोर्शिया का गठन करके एमएसई का क्षमता निर्माण, ‘थोक’ मात्रा में आर्डर प्राप्‍त करने के लिए ‘कंसोर्शिया’ में यूनिटों की ओर से भाग लेना, यूनिटों की क्षमता के अनुसार ‘कंसोर्शिया’ में शामिल यूनिटों में आपूर्ति आदेश वितरित करना, ‘कंसोर्शिया’ के सदस्‍यों की कच्‍चे माल की आवश्‍यकता को पूरा करने के लिए उन्‍हें सहायता देना और की गई आपूर्ति के संबंध में ‘क्रेडिट’ की सुविधा प्रदान करना भी शामिल है।
  5. इस स्‍कीम के प्रावधानों को पूरा करने के लिए यूनिटों द्वारा अलग-अलग करार, कंसोर्शिया द्वारा निष्‍पादित की जाने वाली करार, बोर्ड का संकल्‍प, मुख्‍तारनामा और अन्‍य संबंधित दस्‍तावेज जैसे कानूनी दस्‍तावेजों को संशोधित और सरलीकृत किया गया है।
  6. सूक्ष्‍म और लघु उद्यमों के प्रोन्‍नयन और विकास के लिए भारत सरकार, सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय द्वारा राजपत्रित अधिसूचना संख्‍या का.आ. 581 (ई), दिनांक 23 मार्च, 2012 के जरिए एमएसएमई के लिए लोक खरीद आदेश, 2012 परिचालित किया गया है। उपर्युक्‍त लोक खरीद आदेश में भारत सरकार ने इस बात का उल्‍लेख किया है कि खरीद के वार्षिक लक्ष्‍य में बड़े उद्यमों और राष्‍ट्रीय लघु उद्योग निगम द्वारा गठित सूक्ष्‍म, और लघु उद्यमों के ‘कंसोर्शिया’ द्वारा सूक्ष्‍म, और लघु उद्यमों को उप संविदा देना भी शामिल है।
  7. एनएसआईसी ने अपनी कंसोर्शिया और टेंडर मार्किटिंग स्‍कीम के अधीन सूक्ष्‍म, और लघु उद्यमों के कंसोर्टिया का गठन किया है और सरकारी विभागों/सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों की आवश्‍यकता के अनुसार उन्‍हें अपेक्षित सामान/मद की आपूर्ति करता है और उन्‍हें सेवा प्रदान करता है। एनएसआईसी का कार्यालय कंसोर्शिया को लगातार निगरानी करता है और आवश्‍यकता अनुसार नये कंसोर्शिया का गठन करता है।

2.आवेदन पत्र फार्म:

टेंडर मार्केटिंग स्‍कीम के अधीन सूचीबद्ध होने के लिए आवेदक सूक्ष्‍म और लघु उद्यम (एमएसई) द्वारा निर्धारित फार्मेट (अनुलग्‍नक-क और क-1) में आवेदन पत्र फार्म प्रस्‍तुत किया जाएगा, जिस पर प्राधिकृत हस्‍ताक्षरकर्ता अर्थात फर्म/कंपनी/सोसाइटी के स्‍वामी/भागीदार(भागीदारों)/निदेशक (निदेशकों) द्वारा विधिवत् हस्‍ताक्षर किए जाएंगे और आवेदन-पत्र फार्म में उल्लिखित दस्‍तावेज लगाए जाएंगे। ये दस्‍तावेज उस टेंडर और/या फार्म/कंसोर्शिया में शामिल होने के फार्म के साथ भी लगाए जाएंगे जहां सूचीबद्ध यूनिट भाग लेना चाहता हो।

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विवरण फ़ाइल
कंसोर्शिया एण्‍ड टेंडर मार्केटिंग स्‍कीम (विस्तृत)
बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
अद्यतनीकरण : 06-06-2022