राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम

(भारत सरकार का उपक्रम)

1955 से लघु उद्यम के विकास की सुविधा

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति हब

भारत तेजी से विकास और समृद्धि की और अग्रसर है। वास्तव में समावेशी होने के लिए, समाज के सभी वर्गों को इस समृद्धि में भाग लेने की आवश्यकता है। मजदूरी, रोजगार और शिक्षा के अलावा, समाज के कमजोर के वर्गों को भी इस विकास की कहानी में एक प्रमुख भागीदार बनने के लिए संशोधन, सृजन और बड़े पैमाने पर उद्यमी बनाने की आवश्यकता है। जबकि अतीत में, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति स्वामित्व वाले उद्यमों की संख्या में कुछ वृद्धि हुई है, अनुसचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण को सक्षम बनाने के लिए इसमें काफी वृद्धि करने की आवश्यकता है। इसी संदर्भ में, राष्‍ट्रीय एससी/एसटी हब भारत सरकार की एक ऐसी पहल है जिसमें एससी/एसटी उद्यमियों के लिए एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने को लिए लक्षित किया गया है।

राष्‍ट्रीय एससी/एसटी हब एससी/एसटी उद्यमों को प्रोफेशनल सहायता प्रदान करेगा, जिससे वे सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में प्रभावी रूप से भाग ले सकेंगे। इसमें केन्‍द्रीय सार्वजनिक उद्यम केंद्रीय मंत्रालय, राज्यों, डिक्‍की जैसे उद्योग संघों और अन्य संगठनों की भागीदारी होगी। हब नए उद्यमियों के विकास की दिशा में भी काम करेगा, जो 'स्टैंड अप इंडिया' कार्यक्रम के तहत खरीद प्रक्रिया में भाग लेंगे। चयनित उद्यमियों को उद्योग के विशेषज्ञों, सीपीएसई और इनक्यूबेटरों द्वारा सहायता और मार्गदर्शी जानकारी दी जाएगी।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई मंत्रालय) ने राष्ट्रीय एससी / एसटी हब की शुरूआत करने लिए 2016-2020 की अवधि के लिए 490 करोड़ रू. का आरंभिक आबंटन किया है। विभिन्न स्‍टेकहोल्‍डरों के साथ चर्चा करके मंत्रालय को इस विषय पर कार्रवाई के लिए प्रारंभिक एजेंडा बनाने में सक्षम बनाया है। हालांकि कार्रवाई का एजेंडा लचीला है तथा स्‍टेकहोल्‍डरों से और आगे सुझाव लेकर इसे बढ़ाया जाएगा और अधिक मजबूत डेटा के आदान-प्रदान के साथ विकसित करना होगा। शुरू में यह उद्यमी इको-सिस्टम के कई पहलों में मौजूद अंतराल को संबोधित करने का प्रयास करता है।

यह हब इस उददेश्‍य हेतु बनाए गए विशेष सेल के समर्थन (एनएसआईसी) जिस का मुख्‍यालय दिल्‍ली में संचालित किया जाएगा। दिल्‍ली में राष्‍ट्रीय लघु उद्योग निगम सभी नए और मौजूदा एससी/एसटी उद्यमियों को एमएसएमई मंत्रालय के एमएसएमई डाटाबैंक (www.msmedatabank.in) पर पंजीकृत किया जाएगा जो खरीद एजेंसियों के लिए पहुंच बढ़ाने के लिए एक विश्वसनीय डेटाबेस बनाएंगे। हब की गतिविधियों के बारे में इसके स्‍टेकहोल्‍डरों को अवगत कराने के लिए एक अलग वेबसाइट www.scsthub.in शुरू की गई है।

उच्चाधिकार प्राप्त निगरानी समिति

एमएसएमई मंत्रालय के माननीय मंत्री समिति के अध्यक्ष हैं। इस समिति के सदस्यों में राज्यों, विभिन्न मंत्रालयों, उद्योग संघों और एससी/एसटी उद्यमियों सहित विभिन्न स्‍टेकहोल्‍डरों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

सलाहकार समिति

श्री मिलिंद कांबले, अध्यक्ष, डिक्‍की (दलित भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) इस समिति के अध्यक्ष हैं। यह समिति उद्योग और एससी /एसटी उद्यमियों के संभावी को लक्षित समूह और सरकार के बीच प्रभावी, पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंध विकसित करने के उद्देश्य से उन्‍हें हब से जोड़ने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त निगरानी समिति के तहत काम करेगी।

अधिकार प्राप्त परियोजना अनुमोदन समिति

एमएसएमई मंत्रालय के सचिव इस समिति की अध्यक्षता करते हैं। जैसा कि हब अपनी प्रकृति अनुसार है और परिकल्पित अवधि में विकसित होगा, इसमें जोर देने वाले क्षेत्रों या पहचाने गए भावी क्षेत्रों में परिवर्तन के आधार पर विभिन्न गतिविधियों के लिए धन की आवश्यकता विकसित करने की संभावना है। यह समिति एससी/एसटी उद्यमियों की बदलती आवश्यकताओं को समाहित करने के उद्देश्य से ऐसी लचीली पद्धति सुनिश्चित करेगी।

विवरण फ़ाइल
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमों के लिए एकल बिंदु पंजीकरण योजना (एसपीआरएस), विपणन सहायता योजना (एमएएस) और प्रदर्शन और क्रेडिट रेटिंग योजना (पीसीआर) के तहत विशेष सब्सिडी के लिए परिपत्र।

अद्यतन : 24.09.2020